राजस्थान की झीलें (भुगोल)
राजस्थान की झीले
राजस्थान में दो प्रकार की जिले में पाई जाती है :-
1 .मीठे पानी की झीले
2 . खारे पानी की झीले
मीठे पानी की झीले -
1 .पिछोला झील
पिछोला झील की विशेषताएं -
पिछोला झील में स्थित जग मंदिर 1857की क्रांति में अंग्रेजों की पनाह बना ।
जगमंदिर संगमरमर से बना हुआ है यह मेवाड़ का ताजमहल कहलाता है ।
जग निवास में लेक पैलेस होटल संचालित की गई है ।
पिछोला झील के पास मोहन मंदिर स्थित है ।
इसके पास अर्शी विलास भी स्थित है ।
पिछोला झील के पास उदयपुर में दूध तलाई व हवाला ग्राम (सिल्पग्राम )स्थित है ।
पिछोला झील के पास नटनी का चबूतरा स्थित है ।
इस झील में राजस्थान की पहली सौर संचालित नाव चलाई गई है ।
2 .स्वरूप सागर झील
3 .फतेहसागर झील
फतेहसागर झील उदयपुर जिले में स्थित है ।
ड्यूट ऑफ कनॉट ने इसकी आधारशिला रखी थी ।
इस झील को देवाली तालाब के नाम से जाना जाता है ।
1888 में इसका पुनरुद्धार महाराणा फतेह सिंह ने करवाया था ।
महाराणा फतेह सिंह ने स्वरूप सागर झील को पिछोला झील से तथा स्वरूप सागर को आगे फतेहसागर झील से जोड़ा था ।
फतेहसागर झील के अंदर नेहरू उद्यान बना हुआ है ।
इस झील के पास मोती मगरी पर महाराणा प्रताप का म्यूजियम बना हुआ है ।
इस झील के पास फिश एक्वेरियम बना हुआ है ।
फतेहसागर झील में सौर वेधशाला बनाया गया है ।
इस झील में जाने के लिए फतेहा बांध बना हुआ है ।
इसके पास सहेलियों की बाड़ी स्थित है ।
4 .उदयसागर झील
उदयसागर झील का निर्माण महाराणा उदय सिंह ने सन 1559 से 1568 तक कराया था l
आयड़ नदी को रोककर झील बनाई हुई है ।
उदयसागर झील उदयपुर जिले में स्थित है
5 .जयसमंद झील
इस झील के पूर्व में लसाडिया का पठार बना हुआ है ।
गोमती , झावरी , केलवा ' बागर , नदियां जयसमंद झील में मिलती है ।
इसे ढेबर झील कहा जाता है ।
इस झील को जलचरो की बस्ती कहा जाता है ।
इस झील के पास में हवा महल व रूठी रानी का चित्रण है ।
इस झील में 7 टापू बने हुए उनमें से सबसे बड़ा टापू बाबा का भागड़ा तथा सबसे छोटा टापू प्यारी है ।
इंसात टापूओं पर भील व मीणा जाति निवास करती है ।
इस झील से सन 1950 में सिंचाई हेतु दो नहर निकाली गई 1 . श्यामपुरा 2. भाटखेडा
यह राजस्थान की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
इस झील के एक टप्पू बाबा का मगरा पर आइसलैंड रिसोर्ट होटल संचालित की गई है ।
इसके पास जयसमंद अभ्यारण भी स्थित है ।
यह लगभग 15 किलोमीटर लंबी व 2 से 8 किलोमीटर तक चौड़ी है ।
6 .नक्की झील
एक क्रैटर झील है ।
यह राजस्थान की सबसे ऊंची झील है इसकी लंबाई1200मीटर है ।
यह झील सिरोही जिले के अर्बुदा पहाड़ी प्रदेश में स्थित है l
हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस झील का निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर बनया है ।
यह राजस्थान की एकमात्र ऐसी झील है जिसका जल सर्दियों में जम जाता है ।
इस दिल के समीप हाथीगुफा ,चंपागुफा व रघुनाथ जी का प्रसिद्ध मंदिर है ।
इस झील में गरासिया जनजाति अपने पूर्वजों की अस्थियां विसर्जन करती है ।
7 .राजसमंद झील
यह राजसमंद जिले में स्थित है ।
गोमती नदी के जल को रोक कर बनाई गई है ।
इसके निर्माण का उद्देश्य अकाल राहत कार्यों हेतु है ।
इसके पास द्वारकाधीश का मंदिर है जो अनकुट महोत्सव के लिए प्रसिद्ध है ।
इस झील के पास में घेवर माता का मंदिर है ।
उत्तरी भाग में नौसांकी की के नाम से जानी जाती है ।
रणछोड़ भट्ट तेलंग द्वारा संस्कृत भाषा में काले संगमरमर के 25 स्थानों पर 1917 श्लोक में मेवाड़ का इतिहास वर्णित किया गया है इसे राज प्रशस्ति कहा जाता है ।
8 .कायलाना झील
यह एक प्राकृतिक झील है जो जोधपुर में स्थित है ।
इस झील के बीखरी हुई पहाड़ियों में मासी सफारी अभ्यारण स्थित है ।यह भारत का प्रथम मरू वनस्पतिक पार्क है ।
इसके सर प्रताप सिंह ने कुछ निर्माण करवाया था इस कारण इसे प्रताप सागर झील भी कहा जाता है ।
इस दिल से जोधपुर में वाटर सप्लाई की जाती है ।
इस झील मैं राजीव गांधी पेयजल लिफ्ट परियोजना से जलापूर्ति होती है ।
9 .कोलायत झील
इस झील पर कार्तिक मास की पूर्णिमा को विशाल मेला भरता है ।
10 .बालसमंद झील
11 .आना सागर झील
12 .पुष्कर झील
यह अजमेर में स्थित है ।
अरावली का सबसे निम्नतम स्थान है ।
यह झील सबसे प्राचीन व सबसे पवित्र झील है ।
यह अर्धचंद्राकार रूप में विस्तृत है ।
इसके पास ब्रह्मा जी का मंदिर है ।
रत्नागिरी की पहाड़ियों पर मां सावित्री का प्रसिद्ध मंदिर है ।
इस झील के पास गायत्री मंदिर भी स्थित है ।
इस झील के आसपास लगभग 400 मंदिर स्थित है ।
पुष्कर झील में सरस्वती नदी द्वारा जलापूर्ति होती है ।
पुष्कर झील के समीप कुल 12 घाट हैं ।
1911 में मैडम मेरी के आगमन पर जनाना घाट बनवाया गया इस घाट से गांधी जी की अस्थियों का विसर्जन किया था इसलिए इसे गांधी घाट कहा जाता है ।
पुष्कर झील के उपनाम -
-तीर्थो का मामा
-कोकण तीर्थ
- परिहाग राज का गुरु
इस झील में कनाडा के सहयोग से पुष्कर गेप परियोजना चलाई गई जिसमें पुष्कर झील की सफाई की गई थी ।
गुरु गोविंद सिंह ने इस झील के पास पाठ किया था ।
इस झील के पास मानसागर होटल स्थित है ।
13 .फॉयसागर झील
14 .सिलीसेढ़ झील
अन्य मीठे पानी की झीले
खारे पानी की झीले
सांभर झील
राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है ।
भारत की तीसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है !
मेंथा ,रुपनगढ़ , खण्डेला ,खारी इन चार नदियों का पानी इस झील में गिरता है ।
यह झील भारत के कुल नमक का 8.7 % व राजस्थान के कुल नमक का 80% भाग उत्पादित करती है ।
यहां हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड (1964) द्वारा नमक बनाया जाता है ।
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड के अधीन सांभर साल्ट लिमिटेड भी कार्य करता है l
23 मार्च 1990 रामसर साइट में राजस्थान की दूसरी आर्द्रभूमि के रुप में सम्मिलित की गई ।
यह रेसता पद्धति व क्यारी पद्धति के द्वारा नमक बनाया जाता है ।
इस झील में स्वेडा फुटी पादप पाया जाता है ।
इस झील पर कुरजा पक्षी ज्यादा पाए जाते हैं ।
राजहंस पक्षी भी यही मिलता है ।
इसके पास तीर्थों की नानी देवयानी देवी का मंदिर है ।
इसके समीप नलियासर मस्जिद है ।
शाकंभरी माता का मंदिर भी इसके पास है ।
इस झील में मेंथा नदी सर्वाधिक नमक लाती है ।
1870 में साल्ट म्यूजियम की स्थापना की गई ।
यह राजस्थान का सबसे नीचा स्थान है ।
इसके तली की चट्टाने प्रि अरावली काल की है ।
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