राजस्थान में खनिज

राजस्थान में खनिज

भारत में राजस्थान एक प्रमुख खनिज उत्पादक राज्य है ।
वह प्राकृतिक पदार्थ जिनकी निश्चित संघटन व भौतिक गुण धर्म की विशेषताएं होती है ,वे खनिज कहलाते हैं ।या वे पदार्थ प्रकृति से खोदकर निकाला जाता है खनिज कहलाता है ।

राजस्थान को खनिजों का अजायबघर काकहा जाता है ।

राजस्थान में कुल 81 प्रकार के खनिज प्राप्त किया जाता है जिसमें 59 खनिज का खनन कार्य किया जाता है ।

राजस्थान भारत में अधात्विक खनिज के उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है ।

राजस्थान का खनिज भंडार की दृष्टि से दूसरा स्थान है ।

आय की दृष्टि से भारत में आठवां स्थान है ।

राजस्थान का भारत में खनिज विविधता में प्रथम स्थान है ।

राजस्थान जास्पर , वोलेस्टोनाइट व गार्नेट (जेम)का समस्त देश में एकमात्र उत्पादक राज्य है I एवं सीसा जस्ता, टंगस्टन, जिप्सम, फ्लोराइड, मार्बल, एस्बेस्टॉस ,रॉक फास्फेट ,फेल्सपार, सॉपस्टोन एवं चांदी के उत्पादन में देश के प्रथम स्थान पर है ।

खनिजों का वर्गीकरण

राजस्थान में खनिजों का वर्गीकरण 4 प्रकार प्रकाशित किया गया है :-धात्विक खनिज , अधात्विक खनिज , आण्विक खनिज, ऊर्जा खनिज ।

धात्विक खनिज

वह खनिज जिसमें धातु के अंश पाए जाते हैं वह धात्विक खनिज कहलाते हैं ।

धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं :-धात्विक लोह खनिज और अधात्विक लोह खनिज ।

धात्विक लोह खनिज :-
लोह ,लौह अयस्क, मैग्नीज, निखिल, टाइटेनियम, कोबाल्ट, क्रोमियम ।

अधात्विक लौह खनिज :-
तांबा, सीसा जस्ता, चांदी, सोना, बॉक्साइट, एलुमिनियम, पारा l

अधात्विक खनिज

वह खनिज जिसमें धातु के अंश नहीं पाए जाते हैं वह अधात्विक खनिज कहलाता है ।

रॉक फास्फेट, जिप्सम, फेल्सपार, फ्लोराइड, संगमरमर, एस्बेस्टोस, पोटाश, क्ले, नमक,तामड़ा या गार्नेट, जास्पर, हीरा, पन्ना , बेलेस्टोनाइट, .पाइराइट, सिलिकाइट,अभ्रक ।

आणविक खनिज

वह खनिज जिसमें आणविक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है उसे आणविक खनिज कहते हैं ।
यूरेनियम, बेरिलियम, लिथियम, थोरियम ।

ऊर्जा खनिज

वह खनिज जिसमें ऊर्जा प्राप्त होती है ,ऊर्जा खनिज कहलाता है।
कोयला और पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस ।

राजस्थान के खनिज

लौह अयस्क 

यह धातु सर्वाधिक जयपुर में मोरीजा बानोला नामक स्थान पर पाया जाता है ।
नीमला राइसेला (दौसा) ,डाबला सिंघाना(झुंझुनू ) ,नाथरा की पोल थुर हुण्डेर ( उदयपूर ) जिलोंं से लौह अयस्क प्राप्त किया जाता है ।
यह जलज व आग्नेय चट्टानों मेें प्राप्त होता है ।
राज्य में मुख्यता हेमेटाइट व लिमोनाइट किस्म का लोहा अयस्क प्राप्त होता है ।

सीसा - जस्ता

यह सर्वाधिक उदयपुर के जावर व देबारी , मोसियां मगरा नामक स्थान पर प्राप्त होता है ।राजसमंद जिले के राजपुरा, दरीबा , भीलवाड़ा के रामपुरा आगुचा नामक स्थान व सवाई माधोपुर में चौथ का बरवाड़ा तथा अजमेर में कायड़ खाना नामक स्थान से प्राप्त किया जाता है।

जस्ते के अयस्क- केलेमिन विलेमाइट।
सीसे के अयस्क - गैलेना ।
जस्ता गलाने हेतु हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के देबारी उदयपुर दरीबा राजसमंद एवं चंदेरिया चित्तौड़गढ़ में जिंक सीमेंट प्लांट स्थापित है ।
रामपुरा आगुचा खान से जस्ते की विश्व की सबसे बड़ी सिंगल ओपन कास्ट खान है। 
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की राजस्थान में सीसा जस्ता की निम्न खाने है : - रामपुरा आगुचा खान (भीलवाड़ा )
सिंदेशर खुर्द खान राजसमंद ।
जावर खान समूह , उदयपुर ।
राजपुरा दरीबा खान, राजसमंद ।
कायड़ खान अजमेर में यह भूमिगत खान है ।
बामनिया कला खान ।

चाँदी

चाँदी सीसा व जस्ता के साथ निकाली जाती है ।
मुख्य अयस्क : - अर्गेनाटाइट , पाइराजाइराट व हार्न सिल्वर ।
चाँदी के भंडार में उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान प्रथम स्थान पर है ।

तांबा

सर्वाधिक तांबा झुंझुनू के खेतड़ी - सिंघाना नामक क्षेत्र में पाया जाता है ।
अलवर में खो - दरीबा नामक स्थान पर , उदयपुर में अंजनी सलूंबर तथा सिरोही में देलवाड़ा किरोवली व राजसमंद में रेलमगरा नामक स्थान से तांबा प्राप्त किया जाता है ।
ताबें को आग्नेय , अवसादी व कायंतरिक चट्टानो से प्राप्त किया जाता है ।
झुंझुनू को राजस्थान में तांबा जिला कहा जाता है ।
तांबे की उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान देश में आंध्र प्रदेश के बाद द्वितीय स्थान पर हैं जबकि भंडारों की दृष्टि से राजस्थान प्रथम स्थान पर है ।

टंगस्टन

डेगाना नागौर , नाना कराब (पाली ) आबू, रेवदर, बाल्दा (सिरोही)नामक स्थान पर  टंगस्टन प्राप्त किया जाता है ।
अयस्क :-वॉलप्रोमाइज , वुलफ्राम या शीलाइट ।

मैग्नीज

यह सर्वाधिक बांसवाड़ा - लीलवाना , तलवाड़ ।
अवसादी चट्टानो से प्राप्त होती है इनका मुख्य अयस्क साइलोमैलिन ।

वोलेस्टोनाइट

सिरोही, उदयपुर व अजमेर प्राप्त में जाता है ।
यह पेंट कागज व सिरेमिक उद्योग में प्रयुक्त होती है ।
देश में वेलेस्टोनाइट्स के सर्वाधिक भंडार लगभग 88% राजस्थान में है ।दूसरे स्थान पर गुजरात है ।

रॉक फास्फेट 

यह सर्वाधिक उदयपुर मैं पाई जाती है ।
उदयपुर- झामरकोटडा , माटोन ,सीसारमा,भिंडर ।
जैसलमेर - विरमानीया व लाठी क्षेत्र ,
सीकर- करपुरा
बांसवाड़ा - सालोपत
रसायनिक खाद (सुपर फास्फेट) के निर्माण भूमि के उपचार हेतु प्रयुक्त । यह एक उर्वरक खनिज है ।
राजस्थान में उदयपुर में झामरकोटडा की खान से RSMML द्वारा रॉक फास्फेट निकाला जाता है ।हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को माटोन उदयपुर में रॉक फास्फेट की खान है।रॉक फास्फेट के उत्पादन में देश में राजस्थान का प्रथम व मध्यप्रदेश का द्वितीय स्थान है ।

जिप्सम

सर्वाधिक नागौर जिले में प्राप्त होती है ।
नगौर - भदवासी, फलसुण्ड 
गंगानगर
बीकानेर - विसरासर , जामसर
हनुमानगढ़ ,बाड़मेर , जैसलमेर ।

अन्य नाम : सैलेनाइट , हरसोंठे । क्षारीय भूमि के उपचार हेतु प्रयुक्त है । 
 देश में राजस्थान में जिप्सम के सर्वाधिक भंडार 82% है तथा सर्वाधिक उत्पादन 99% यही होता है । देश में सैलेनाइट का समस्त उत्पादन RSMML द्वारा दो खानों बाड़मेर, बीकानेर में किया जाता है ।

एस्बेस्टॉस

यह सर्वाधिक उदयपुर में ऋषभपंत व खेरवाड़ा मैं निकलता है ।

सीमेंट की चादरें, पाइप, भवन निर्माण सामग्री आदि में प्रयुक्त होता है ।

फेल्सपार

सर्वाधिक अजमेर ।अन्य : भीलवाड़ा ।
सिरेमिक उद्योग,काश उद्योग व टाइल अपघर्षक में प्रयुक्त होता है ।
राजस्थान फेल्सपार का 59% उत्पादन के साथ अग्रणी उत्पादक है ।

फलोर्सपार

सर्वाधिक मांडो की पाल काहिला (डूंगरपुर ) अन्यः जालौर,सीकर ,सिरोही ।

सीमेंट ,एसिड ,लोहा इस्पात तथा रासायनिक उद्योग में प्रयुक्त होता है ।

फ्लोरस्पार के भंडार में देश में प्रथम स्थान पर गुजरात व द्वितीय स्थान पर राजस्थान है ।
उत्पादन में महाराष्ट्र व गुजरात के बाद तृतीय स्थान पर है।

कैल्साइट

उदयपुर , सिरोही व पाली जिले में प्राप्त होती है ।
राजस्थान में कैल्साइट की सर्वाधिक 50% भंडार है। वह सर्वाधिक उत्पादन भी राजस्थान में 98% होता है ।
कैल्साइट का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में क्रमश: उदयपुर व सिरोही में होता है ।

अभ्रक

सर्वाधिक भीलवाड़ा में होता है ।
भीलवाड़ा - दांता , भूणास , बनेड़ ,
उदयपुर- आमेर चम्पागुढा , भगतपुरा 
अजमेर, राजसमंद, टोंक
यह आगनेय वह कायांतरित चट्टानों में प्राप्त होता है ।
अभ्रक ईट निर्माण उद्योग भीलवाड़ा में केंद्रित है । अभ्रक के भंडार व उत्पादन की दृष्टि से देश में आंध्र प्रदेश प्रथम व राजस्थान द्वितीय स्थान पर है । राजस्थान में सर्वाधिक अभ्रक भीलवाड़ा से प्राप्त की जाती है ।

डोलोमाइट


राजसमंद , उदयपुर, अजमेर , भीलवाड़ा , अलवर में डोलोमाइट प्राप्त होती है ।
चुना बनाने में प्रयुक्त । नए भंडार बांसवाड़ा के गेनोर व मोजिन  तथा राजसमंद में मिले है l

पाइराइट्स

सलादीपुरा (सीकर) में प्राप्त होती है ।
गंधक का तेजाब व उर्वरक बनाने में प्रयुक्त । 

गार्नेट

टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जिलों में प्राप्त होती है ।

गार्नेट केवल राजस्थान में ही प्राप्त होती है ।

चुना पत्थर

केमिकल ग्रेड वाले सुना पत्थर जोधपुर व नागौर में प्राप्त होते है।
सीमेंट ग्रेड वाले- चित्तौड़गढ़, नागौर, बूंदी, बांसवाड़ाा, जैसलमेर, कोटा, झालावाड़।
स्टील ग्रेड - सानू (जैसलमेर) ,उदयपुर ।

सीमेंट निर्माण , इस्पात उद्योग , चीनी परिशोधन में प्रयुक्त । चूना पत्थर अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। नागौर के गोटन तथा खारिया खंगार (जोधपुर) में सफेद सीमेंट के कारखाने हैं । राज्य में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन का सर्वाधिक उत्पादन सिरोही व चित्तौड़गढ़ में होता है। स्टील ग्रेड लाइमस्टोन का सर्वाधिक उत्पादन जैसलमेर में होता है देश में चूना पत्थर का सर्वाधिक उत्पादन आंध्र प्रदेश में होता है। राजस्थान का द्वितीय स्थान है । 

सिलिका रेत

चित्तौड़गढ़ , सवाई माधोपुर, बरोदिया, खीमज (बूंदी)
अन्य-जयपुर- झीर , एलनपूर ( सावाई माधोपुर )
काश उद्योग व धातु गलाने के उद्योग में प्रयुक्त होती है ।
राजस्थान देश का तीसरा सर्वाधिक उत्पादक राज्य है ।

संगमरमर

सफेद मार्बल - मकराना (नागौर) , मोरवड़ व राजनगर (राजसमंद)
हरा -काला मार्बल :-डूंगरपुर , कोटा , भैसलाना (जयपुर) ।
लालः धौलपुर,   
पीलाः जैसलमेर
बैगनीः बांसवाडा
नीलाः देसुरी (पाली)

किशनगढ़ देश की प्रसिद्ध मार्बल मंडी है।
राजसमंद में मोरवड़ राजनगर की खानों में सर्वाधिक मार्बल निकलती है ।
संगमरमर प्रमुख इमारती पत्थर है यह लघु खनिज की श्रेणी में आता है ।

ग्रेनाइट

गुलाबी व मरकरी लाल :सिवाना क्षेत्र
पीला : पीथला गाँव (जैसलमेर )
काला : कालाडेरा (जयपुर)
सर्वाधिक ग्रेनाइट जालौर में पाया जाता है ।
उत्तरी भारत में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य जहां विभिन्न रंगो व डिजाइनों में ग्रेनाइट का विशाल भंडार है ।

कोटा स्टोन

कोटा- रामगंज मंडी क्षेत्र I 
कोटा में मिलने के कारण इसका नाम ही कोटा स्टोन पड़ गया है।

क्वार्ट्ज

चित्तौड़गढ़, सवाई माधोपुर,बूंदी, भीलवाड़ा,दोसा,जिलों में प्राप्त होता है ।
चीनी मिट्टी एव इलेक्ट्रॉनिक के निर्माण में प्रयुक्त होता है ।

बॉलक्ले 

बीकानेर ( सर्वाधिक ) , नागौर , पाली
इसे बीकानेर क्ले भी कहा जाता है ।

फायरक्ले

बीकानेर (सर्वाधिक ) जैसलमेर ,अलवर
फायर ब्रिक्स , ब्लॉक्स आदि के निर्माण में प्रयुक्त ।
राजस्थान में इसका उत्पादन बीकानेर में होता है।

चीनी मिट्टी

बीकानेर - मुढ , चांदी, कोटडी , पलाना
सवाई माधोपुर-रायसिना व वसुव क्षेत्र ,
चित्तौड़गढ़ , भीलवाड़ा , नागौर
नीमकाथाना में चीनी मिट्टी की धुलाई का कारखाना है ।
राजस्थान में केओलिन का सर्वाधिक उत्पादन कर क्रमश: नागौर चितौडगढ व भीलवाड़ा में होता है।

मुल्तानी मिट्टी

सर्वाधिक : बाड़मेर ।
अन्यः बीकानेर ,'जोधपुर ।
भारत में सर्वाधिक मुल्तानी मिट्टी राजस्थान में मिलती है ।
उत्पादन सर्वाधिक आंध्र प्रदेश में होता है ।

नमक

सांभर (जयपुर) , डीडवाना (नागौर) , पचपदरा (बाड़मेर), लूणकरणसर (बीकानेर) , फलोदी (जोधपुर) ।
नमक का खनिज हेलाइड है । इसका रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड है।सांभर झील में देश का 8. 7 % नमक होता है ।
राजस्थान का समुद्री जल व झीलों से नमक उत्पादन में गुजरात और तमिलनाडु के बाद तृतीय स्थान है।

स्वर्ण

बांसवाड़ा के जगपुरा ,भूकिया व तिमारन माता , उदयपुर - रायपुर व खेड़ा ।

यूरेनियम

सर्वाधिक उमरा ( उदयपुर) में I खण्डेला (सीकर) , भूणास (भीलवाड़ा ) ,
अयस्क - पैगमेटाइटस , मोनोजाइट , चैरेलाइट ।
रोहिला क्षेत्र ( सीकर ) व जहाजपुर (भीलवाड़ा ) में नये भंडार मिले हैं ।

थोरियम

पाली -भद्रावन , भीतवाड़ा ।
भीलवाड़ा -सरदारपुरा

ग्रेफाइट

अजमेर ,अलवर ,बांसवाड़ा व जोधपुर ।
अणुशक्ति ग्रह में मंदक के व भारी मशीनों में स्नेहक के रूप में प्रयुक्त होता है ।
ग्रेफाइट को *black head* या "mineral carbon " भी कहा जाता है ।

पन्ना

देवगढ़ से आमेट (उदयपुर व राजसमंद )के बीच में एक संकरी पट्टी में ,काली गुमान ,गोगुंदा व टिखी क्षेत्र ( उदयपुर ) ।
हाल ही में बुबानी (अजमेर)से गमगुढा (राजसमंद)वह नाथद्वारा तक फाइनग्रेड पन्ने  की विशाल पट्टी का पता चला है ।बहुमूल्य पन्ना मखमली हरे रंग का होता है ।
जयपुर पन्ने की अंतरराष्ट्रीय मंडी है ।

हीरा

केसरपुरा (प्रतापगढ़ ) ,मानपुरा ।
यह बहुमूल्य पत्थर है जो आग में चट्टानों व किम्बरलाइट की चट्टानों में पाया जाता है । 
भारत में हीरे के सर्वाधिक भंडार मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं ।

बिस्मथ

नोरदा (नीमकाथाना , सीकर ) ।
यह मुख्यतः चिकित्सकिय कार्यों में प्रयुक्त होता है ।


सैण्ड स्टोन

बंसी - पहाड़पुर ( भरतपुर ) , धौलपुर ।
धौलपुर का गुलाबी रंग का सैण्ड स्टोन देश भर में प्रसिद्ध है ।

सिलिसियस अर्थ

बाड़मेर ,जैसलमेर

एक्वामेरीन

टोंक (सर्वाधिक ),भीलवाड़ा ,अजमेर , जोधपुर ।
हल्के नीले रंग का मूल्यवान पत्थर है ।

जास्पर

जोधपुर ।
जास्पर पूरे देश में केवल जोधपुर में ही पाया जाता है ।जोधपुर में मथानिया ,ओसिया , रुणिडया सोपरा ,मोगरा , लावारा ,टमटिया आदि क्षेत्र मे इनका भंडार है ।

लिग्नाइट

बाड़मेर -कपूरडी ,जालीपा ,गिराल क्षेत्र ।
बीकानेर -पलाना ,बरसिंगसर ,रानेरी , गुढा ,बीठनोक , हाडला व पानेरी ।
नागौर -मातासुख - कस्नाउ - ईग्यार क्षैत्र ।
देश के कुल भंडारों का 7% राजस्थान में है ।देश के लिग्नाइट भंडारो में तमिलनाडु के पश्चात राजस्थान का दूसरा व उत्पादन में तमिलनाडु व गुजरात के पश्चात तीसरा स्थान है ।

खनिज तेल

बाड़मेर -गुडामालानी ,बायतु ,मंगला ,कोशलू ,सिणधरी ,नागाणा व कवास |
गुडामालानी के हालैंड की सेल कंपनी को तथा बाड़मेर के कोशलू में केयर्न एनर्जी इंडिया को तेल भंडार मिले हैं । देश में कच्चे तेल के उत्पादन में ऑफशोर एरिया के बाद राजस्थान का दूसरा स्थान है ।

प्राकृतिक गैस 

जैसलमेर -घोटारू ,रामगढ़ , गमनेवाला , डाडेवाला ,तनोट , सादेवाला ,मनहर टीबा व शाहगढ़ (प्राकृतिक गैस ) ।

राजस्थान के जोधपुर व जैसलमेर बेसिन में प्राकृतिक गैस पाई जाती है ।राज्य में जैसलमेर जिले में ऑयल इंडिया ओएनजीसी फिनिक्स ओवरसीज गैस दोहन का कार्य कर रही है ।
देश में प्राकृतिक गैस के उत्पादन में राजस्थान का छठा स्थान है ।

नागौर में लाइमस्टोन भंडार के संकेत : -

खान में भूविज्ञान विभाग की ओर से खनिजों की खोज में जैसलमेर , नागौर , उदयपुर , चित्तौड़गढ़ में लाइमस्टोन के भंडार मिले हैं नागौर के खींवसर ,उदयपुर के कोटडा ,आसपुर (डूंगरपुर) कपासन चित्तौड़गढ़ के अंजनी खेड़ा में लाइमस्टोन की विस्तृत पट्टी का आकलन किया गया है ।

जैतून तेल की रिफाइनरी बीकानेर जिले के लूणकरणसर में लगाई गई है ।
इसका 3 अक्टूबर 2014 को उद्घाटन किया गया ।
राजस्थान ऑलिव कल्टीवेशन लिमिटेड द्वारा सन स्थापित यह देश की पहली जैतून तेल रिफाइनरी है ।जैतून के तेल को प्रदेश में राज ओलिव ब्रांड नाम से बेचा जाता है ।
जैतून के तेल का उत्पादन करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है ।

जोधपुर में पेट्रोलियम ऊर्जा एवं खनन विश्वविद्यालय के लिए आशय पत्र जारी : -
राज्य सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से जुड़े दिशानिर्देशों के अधीन पेट्रोलियम ऊर्जा एवं खनन विश्वविद्यालय जोधपुर के लिए आशय पत्र जारी किया है ।

केयर्नइंडिया के गुडामालानी - सांचौर में एक खरब घनफीट गैस भंडार मिला है ।
संभवत :यह देश का सबसे बड़ा गैस भंडार है ।

खनिज क्षेत्र में नवीनतम अन्वेषण :
पूनम - 1ब्लॉक RJONN 2004 /2मैं स्थित इस कुएं को ' discovery ' घोषित किया गया । 
यहाँ ओयल इंडिया को भारी तेल प्राप्त होता है ।

हनुमानगढ़ में पोटाश के भंडार के संकेत :-खनन विभाग के अनुसार हनुमानगढ़ , बीकानेर व अलवर जिले में भारी मात्रा में पोटाश मिलने की संभावना है ।हनुमानगढ़ में राज्य में पहली बार पोटाश खनन RSMML द्वारा निजी सहभागिता से किया जाएगा ।

पचपदरा (बाड़मेर )के पास सजिवावाली गांव में 22 सितंबर 2013 को राजस्थान की रिफाइनरी का शिलान्यास यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने किया ।
यह रिफाइनरी नवगठित एचपीसीएल राजस्थान रिफायनरी लिमिटेड द्वारा स्थापित की जाएगी ।
इस बाबत राजस्थान स्टेट रिफाइनरी लिमिटेड के नाम से स्पेशल परपज व्हीकल का गठन किया गया ।

मंगला तेल क्षेत्र राष्ट्र को समर्पित :-प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 29 अगस्त 2009 को बाड़मेर में नागाणा स्थित मंगला तेल क्षेत्र राष्ट्र को समर्पित किया ।

बाड़मेर के नागाणा गांव स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल से सलाया (गुजरात )tx100 किलोमीटर लंबी ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया की सर्वाधिक लंबी पाइपलाइन का 4 फरवरी 2009 को उद्घाटन किया गया ।
इसका नाम मुंबई हमले की आतंकी कसाब को पकड़ने वाला शहीद तुकाराम आमले के नाम पर रखा गया ।

राज्य में पेट्रोलियम अन्वेषण ,उत्पादन,परिशोधन ,वितरण एवं परिवहन हेतु राजस्थान स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का गठन RSMMLकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में 10 जुलाई 2008 को किया गया |

बांसवाड़ा में स्वर्ण भंडार : -ऑस्ट्रेलियाई कंपनी इन्डो गोल्ड ने फरवरी 2007 में बांसवाड़ा जिले के भकिया जगपुरा क्षेत्र में 3.85 करोड टन स्वर्ण भंडार की खोज की है ।

RSMML व राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड द्वारा मिलकर कपासन ( चित्तौड़गढ़ )में डीएपी खाद का कारखाना "राजस्थान राष्ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स " स्थापित किया ।

राज्य में नीमसार पेट्रोलियम संभाव्य क्षैत्र है -

राजस्थान शेल्फ : -जिला जैसलमेर एवं अंशतः बीकानेर
बाड़मेर सांचौर बेसिन : -जिला बाड़मेर एवं सांचौर ।
बीकानेर नागौर बेसिन :-जिला बीकानेर,नागौर ,गंगानगर एवं चुरू
विंध्यान बेसिन :-जिला कोटा ,झालावाड़ , बाँरा एंव अंशतःबूंदी ,चित्तौड़गढ़ एवं भीलवाड़ा 

केयर्नइंडिया द्वारा बाड़मेर सांचौर बेसिन में 25 तेल एवं गैस फील्ड की खोज की गई जिसमें मंगला ऑयल फील्ड विगत दो दशकों में देश की सबसे बड़ी भूमिय खोज माना गया है ।

शाहगढ़ क्षेत्र जैसलमेर बेसिन में फिनिक्स ओवरसीज लिमिटेड द्वारा चार पूर्व में उच्च गुणवत्ता के गैस भंडारों की खोज की गई है ।

ओएमसीजी द्वारा चिन्नेवाला टिब्बा क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले गैस भंडार की खोज की गई है ।

खनन के विकास हेतु प्रयासरत संस्थाएं

राजस्थान खनिज विकास निगम ( RSMDS ) :-स्थापना कंपनी अधिनियम 1956 के तहत 27 सितंबर 1979 में विस्थापित सार्वजनिक उपक्रम ।व्यापारिक गतिविधियां 1 नवंबर 1979 से प्रारंभ ।
20 फरवरी 2003 को RSMDCका राजस्थान राज्य खान व खनिज लिमिटेड में विलय कर दिया गया ।

राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड :-
सर्वप्रथम 1947 में बीकानेर जिप्सम लिमिटेड स्थापित किया गया I तत्पश्चात 1970 में इसके स्थान पर राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड की स्थापना कंपनी अधिनियम 1956 के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम के रूप में की गई ।यह अधात्विक खनिज होता था रॉक फास्फेट स्टीलग्रेड लाइमस्टोन,जिप्सम और ग्रीन मार्बल के खनन व विपणन का कार्य करता है । इसका पंजीकृत कार्यालय जयपुर तथा मुख्यालय उदयपुर में है l

पेट्रोलियम पाइपलाइंस

हजीरा -बीजापुर -जगदीशपुर पाइपलाइन :-
यह पाइपलाइन गुजरात के हजीरा से बीजापुर (मध्य प्रदेश )एवं जगदीशपुर ( उत्तर प्रदेश)तक प्राकृतिक गैस का परिवहन करती है।गेल द्वारा संचालित इस पाइप लाइन से अंता (बारा)के गैस विद्युत गृह गढेपान (कोटा) का चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्सकृषि यंत्र तथा सिमकोर ग्लास फैक्ट्री ,कोटा को गैस आपूर्ति होती है ।

जामनगर - लौनी गैस पाइप लाइन :-
GAIL द्वारा बिछाई गई या एलपीजी गैस पाइपलाइन गुजरात के कांडला - जामनगर से दिल्ली होते हुए लोनी (उत्तर प्रदेश) तक गई है ।
राजस्थान में इस पर आबूरोड (सिरोही) व नसीराबाद (अजमेर) के निकट गादेरी गांव जयपुर में बुस्टर लगाए गए हैं ।

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