राजस्थान मे रेल परिवहन

 राजस्थान मे रेल परिवहन



राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच अप्रैल 1874  में हुई ।

11 अगस्त 1879 को अजमेर में लोको कारखाना स्थापित किया गया जिसमें 1895 मे पहला लोको इंजन बनकर तैयार हुआ । 

रेल मार्गों की कुल लंबाई : -

राजस्थान में मार्च 2019 तक रेल मार्गों की कुल लंबाई 5937 किलोमीटर थी ।
इसमें से 4969 . 68 किमी ब्रॉडगेज , 880.56 किमी मीटरगेज एवं नैरोगेज थी ।
राज्य में मार्च 2019 में प्रति हजार वर्ग किलोमीटर में रेल मार्गों की औसतन लंबाई 17.348 किलोमीटर थी ।

राज्य में मार्च 2019 में देश के कुल रेल मार्गों की लंबाई 67415 किलोमीटर का 8.81 %  रेल मार्ग थे ।

देश में रेल मार्ग की लंबाई की दृष्टि से राजस्थान का उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा स्थान है ।
महाराष्ट्र तृतीय एवं गुजरात चतुर्थ स्थान पर है ।

राजस्थान में रेल मार्ग व उनके प्रबंधन के लिए जॉन उत्तर पश्चिम रेलवे जोन कार्यरत है तथा इसका मुख्यालय जयपुर में स्थापित किया गया है ।
 इस रेलवे जोन के अधीन निम्न चार मंडल स्थापित किए गए हैं -
( 1 ) जयपुर , ( 2) अजमेर , ( 3 ) बीकानेर , ( 4 ) जोधपुर
उत्तर पश्चिम रेलवे अंतर्राष्ट्रीय रेल सेवा थार एक्सप्रेस को संचालित करती है ।

कोटा मंडल :-

पश्चिम मध्य रेलवे के अधीन कार्यरत है ।
1 अप्रैल 2003 को स्थापित पश्चिम मध्य रेलवे का मुख्यालय जबलपुर में है ।
इस प्रकार राजस्थान में कुल 5 रेल मंडल कार्यरत है ।

राज्य का बयाना - आगरा व आगरा - बांदीकुई रेलमार्ग उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मेडल के आधीन है।

दिल्ली - अलवर रेल मार्ग उत्तरी रेलवे के दिल्ली मंडल के अधीन है ।

भरतपुर के रेल मार्ग उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के अधीन है ।

भारतीय रेल अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र : -

इस केंद्र का निर्माण पचपदरा (बाड़मेर )मैं किया जाएगा ।
यहां तेज गति ( 180 किलोमीटर प्रति घंटा ) से चलने वाली ट्रेन का परीक्षण किया जाएगा ।
यहां से बालोतरा तक 27.5 किमी आधुनिक रेलवे मार्ग बनाया जा रहा है |

राज्य में रेलवे से संबंधित दो उपक्रम निम्न है -

        1 . सिमको वैगन फैक्ट्री ,भरतपुर -  

भरतपुर की यह फ्रैक्ट्री 8 साल बाद 9 अक्टूबर 2008 को पुनः चालू की गई ।
इससे टीटागढ़ वैगंस लिमिटेड कंपनी ने पुन प्रारंभ किया है ।
सिम को की स्थापना वर्ष 1957 में हुई थी तथा इसमें 13 नवंबर 2000 को तालाबंदी हुई ।

       2 .पश्चिम रेलवे सत्रीय परीक्षण केंद्र ,उदयपुर -

यह केंद्र 9 अक्टूबर 1965 को स्थापित किया गया था इस केंद्र में भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष है ।

डबल स्टेप कंटेनर रेलगाड़ियों का शुभारंभ : -

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में वेस्टर्न नेकी के टेड फ्रेट कॉरिडोर के 360 किमी के मदार (किशनगढ़ ) - रेवाडी (हरियाणा ) खंड का लोकार्पण एवं इस कॉरिडोर के न्यू अटेली ( हरियाणा ) और न्यू किशनगढ़ (अजमेर) से 1.5 किलोमीटर लंबी डबल कंटेनर रेलगाड़ियों का 7 जनवरी 2021 को शुभारंभ किया गया ।
यह दुनिया की पहली डबल स्टेट कंटेनर ट्रेन है ।
रेवाड़ी - मदार खंड हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी जिलों में लगभग 79 किमी. और राजस्थान में जयपुर ,अजमेर , सीकर ,नागौर व अजमेर जिला में लगभग 227 किलोमीटर में बनाया गया है ।
इस खंड में 9 नवनिर्मित डीएफसी स्टेशन न्यू डाबला ,न्यू भगेगा ,न्यू श्री माधोपुर ,न्यू पचार मलिकपुर , न्यू साखून और न्यू किशनगढ़ तथा तीन जंक्शन - न्यू रेवाडी , न्यू अटेली और न्यू फुलेरा है।

रतलाम - बांसवाड़ा - डूंगरपुर रेल लाइन :-

रतलाम बांसवाड़ा डूंगरपुर रेल लाइन निर्माण के लिए 31 मई 2011 को नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड व राज्य सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ ।
प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली इस   रेल लाइन का 3 जून 2011 को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बांसवाड़ा में शिलान्यास किया ।
यह 176.4 किमी लंबी है ।

नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम ( N T E S ) -

झुंझुनू स्टेशन पर नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम का शुभारंभ 21 फरवरी 2019 को किया गया ।
N T E S से ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान व स्टेशन से वास्तविक दूरी की सटीक जानकारी प्राप्त होती है ।

पैलेस क्वीन हमसफर एक्सप्रेस :- 

मैसूर व उदयपुर के बीच चलने वाली इस रेलगाड़ी को फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री ने झंडी दिखाकर रवाना किया । 
इस दिन मैसूर और बेंगलुरु के बीच विद्युतीकरण वाली रेलवे लाइन राष्ट्र को समर्पित की गई ।

डिडवाना - इदावा रेल सुरंग :-

लालसोट तहसील मे दिडवाना से इंदावा तक बन रही 2150मी. लम्बी रेल सुरंग राजस्थान की सबसे लंबी रेल सुरंग है ।
प्रदेश की डिडवाना - इंदावा रेल सुरंग 22 नवंबर 2017 को आर पार हो गई है ।
इसके साथ ही दौसा से गंगापुर सिटी तक रेल लाइन परियोजना के बीच में आ रहा अवरोध दूर हो गया है ।
इस सुरंग का निर्माण कार्य वर्ष 2011 से आरंभ हुआ था ।

प्रदेश की तीन अन्य रेल सुरंग -

1 .देबारी सुरंग :-

चित्तौड़गढ़ से उदयपुर के बीच सुरंग की लंबाई 750 मीटर है ।

2 .कामलीघाट सुरंग I :-

मावली - मारवाड़ मीटर गेज पर । लंबाई 500मीटर है।

कामलीघाट सुरंग II :- 

मावली मारवाड़ मीटर गेज पर ।
लंबाई 300 मीटर है।

देश का पहला लेडीज स्पेशल रेलवे स्टेशन : -

भारतीय रेलवे ने महिला सशक्तिकरण की शुरुआत जयपुर के गांधी नगर स्टेशन से की है ।
रेलवे ने उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर मंडल के गांधीनगर स्टेशन को संपूर्ण रूप से देश का पहला महिला संचालित स्टेशन बनाया ।
यहां स्टेशन मास्टर को लेकर पॉइंट्स मैन तक महिला को ही पदस्थ किया गया है ।

जयपुर मेट्रो रेल परियोजना

जयपुर शहर में बढ़ती हुई आबादी को अधिक , सुरक्षित , शीघ्र , सस्ता एवं सुविधाजनक आवागमन साधन उपलब्ध कराने हेतु मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत की गई ।
जयपुर मेट्रो रेल परियोजना की क्रियान्विति यह तो राज्य सरकार द्वारा संपूर्ण स्वामित्व वाली जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का पंजीकरण दिनांक 1 जनवरी 2010 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत किया गया यह परियोजना दो चरणों में पूर्व पश्चिम कोरिडोर तथा उत्तर दक्षिण कॉरिडोर में क्रियान्वित की जा रही है ।
प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी 2011 को किया गया । इसकी मानसरोवर से चांदपोल तक ( चरण I A ) मेट्रो रेल का संचालन 3 जून 2015 से प्रारंभ कर दिया गया है ।
इसकी कुल लंबाई 9. 6 किमी है ।

प्रथम चरण का भाग ब :-

प्रथम चरण का भाग ब के लिए मई 2014 में एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा ऋण लिया गया ।
इसका उद्घाटन 23 सितंबर 2020 को किया गया यह राज्य का पहला भूमिगत रेलवे ट्रैक है ।

प्रथम चरण में अजमेर पुलिया से सोडाला तक दोहरे एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण भी किया गया है।

यह ट्रैक देश का पहला और एशिया का दूसरा ट्रैक होगा जहां जमीन से ऊपर एलिवेटेड रोड और उसके ऊपर ही गुजरती मेट्रो रेल होगी ।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक एशिया का ऐसा पहला थ्री डेक ट्रैक है। 

जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली भारत की शक्ति मेट्रो रेल प्रणाली है ।

जयपुर मेट्रो का श्याम नगर मेट्रो स्टेशन देश का एकमात्र महिला शक्ति मेट्रो स्टेशन है ।✍️✍️✍️🙏🙏🙏












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