राजस्थान पर्यटन

 राजस्थान में पर्यटन :-

पर्यटन ,भारत सहित अनेक देशों में आर्थिक विकास का एक प्रमुख साधन और विदेशी मुद्रा आएगा एक महत्वपूर्ण स्रोत है ।
राजस्थान को पर्यटन के क्षेत्र में न केवल देश में अपितु विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से जाना जाता है ।
पर्यटन द्वारा जहां पारंपरिक सोहार्द्र तथा राष्ट्रीय एकता का विकास होता है ,वही बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का अर्थ तथा रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होती है ।
पर्यटन उद्योग के रूप में तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है ।

यह देश का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला उद्योग बन चुका है ।

पर्यटन के इसी महत्व के कारण केंद्र व राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु समय-समय पर नई नई योजनाएं प्रारंभ करती है ।

राजस्थान में पर्यटक आगमन वर्ष 2018

वर्ष 2020 में राज्य में कुल 155 .64 लाख पर्यटक भ्रमण पर आये ,जिनमें 4.46 लाख विदेशी पर्यटक एवं 151.17 लाख स्वदेशी पर्यटक थे ।
राज्य में वर्ष 2020 में आए हुए कुल पर्यटकों की संख्या वर्ष 2019 के कुल पर्यटकों 538 .26 लाख से 71.09% कम रही है।

भारत में वर्ष 2020 मे मात्र 2.68 मिलीयन विदेशी पर्यटक आए जो वर्ष 2019 के विदेशी पर्यटकों की तुलना में 75.48% कम रहे ।

राजस्थान में 2020 में मात्र 446457 विदेशी पर्यटक भ्रमण हेतु आए जो वर्ष 2019 में आए विदेशी पर्यटकों ( 16.06 लाख ) की तुलना में 72.19% कम थी ।

वर्ष 2020 में राज्य में स्वदेशी पर्यटकों की कुल संख्या भी मात्र 151 .17 लाख रही , जो 2019 के स्वदेशी पर्यटकों ( 522 . 20 लाख ) से 71.05% कम थी ।

वर्ष 2020 में भारत में आए स्वदेशी पर्यटकों में राजस्थान में 16.66% विदेशी पर्यटक आए ।
राज्य में वर्ष 2020 में फ्रांस से सर्वाधिक पर्यटक आए ।

वर्ष 2020 में राज्य में देसी पर्यटक सर्वाधिक अजमेर में विदेशी पर्यटक सर्वाधिक जयपुर में आए ।

राज्य में 2020 में स्वदेशी पर्यटक सर्वाधिक मार्च में तथा विदेशी पर्यटक सर्वाधिक फरवरी माह में आए ।

पर्यटन विकास के प्रयास

अलवर में "राजऋषि महाराजा भर्तृहरि पैनोरमा " एवं "वीर हसन खान मेवाती पैनोरमा " 1 अगस्त 2021 से प्रारंभ कर दिया गया है ।

चंबल रिवर फ्रंट -देश का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट : -

राजस्थान में कोटा में चंबल नदी के किनारे देश का पहला हेरिटेज रिवरफ्रंट बनाया जाएगा ।

राजस्थान पर्यटन नीति 2020 : -

राजस्थान में पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा नवीन एवं अनुभवजन्य रिटर्न उत्पादों के माध्यम से राज्य को पसंदीदा एवं अग्रणी पर्यटक गंतव्य स्थल बनाए जाने के उद्देश्य से अधिसूचना दिनांक 9 सितंबर 2020 के द्वारा "राजस्थान पर्यटन नीति 2020 " को राज्य में लागू किया गया है ।

देश का पहला अंगदाता स्मारक :-

अंगदान को बढ़ावा देने के लिए देश का प्रथम अंगदाता स्मारक जयपुर में तैयार किया गया है ।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा इसका वर्चुअल उद्घाटन 27 नवंबर 2020 को किया गया ।

राजस्थान को प्राप्त महत्वपूर्ण पर्यटन पुरस्कार :-

पर्यटन विभाग को 22 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में आउटलुक ट्रैवलर वर्ल्ड के अंतर्गत " बेस्ट इंडिया वेडिंग डेस्टिनेशन अवार्ड '' दिया गया ।

9 अक्टूबर 2020 को कंडेंस्ड रीडर्स चॉइस अवॉर्ड में "पैलेस ऑन व्हील्स सैकण्ड लक्जूरियस ट्रेन इन द वर्ल्ड अवार्ड " ।

25 नवंबर 2020 को ट्रैवल लीजर इंडिया एंड साउथ एशिया का "डेमो स्टिक डेस्टिनेशन बेस्ट स्टेट अवार्ड "

29 नवंबर 2020 को ट्रैवल लीजर इंडिया एंड साउथ एशिया का "बेस्ट वेडिंग एंड हनीमून डेस्टिनेशन अवार्ड"

राजस्थान का कालबेलिया नृत्य यूनेस्को की विरासत सूची में :-

यूनेस्को ने राजस्थान का कालबेलिया लोक नृत्य को 2010 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची मे शामिल किया l

लक्ष्मणगढ़ (सीकर) मे इकोलॉजी पार्क :-

लक्ष्मणगढ़ (सीकर) मे इकोलॉजी पार्क का विकास किया जा रहा है इसका शिलान्यास 15 दिसंबर 2020 को किया गया ।

राजसमंद जिले में राणा पूंजा की कर्म स्थली चिन्ह को इको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा ।


महर्षि दयानंद सरस्वती पार्क : -

इस पार्क का निर्माण अजमेर में किया जा रहा है ।

रामगढ़ क्रेटर :-

उल्का पिंड की बारिश के बाद बांरा जिले के रामगढ़ में बने 4 किमी सोडिगड्डे को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( GSI)
देश की पहली विरासत स्थल (जिओ हेरिटेज साइट ) के रूप में दर्ज किया गया ।

महाराणा प्रताप का स्मारक :-

अजमेर में पुष्कर रोड पर नौसर घाटी में महाराणा प्रताप का स्मारक बनाया गया है ।

धोलावीरा भारत का 40 वां विश्व धरोहर स्थल : -

वर्तमान में भारत के पास कुल 40 विश्व धरोहर स्थल हो गए हैं ।
इनमें 32 संस्कृति , 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित धरोहर स्थल है ।
खादिर द्वीप ,कच्छ का रण ,गुजरात में स्थित हड़प्पा कालीन स्थल धोलावीरा को 27 जुलाई 2021 को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भारत के 40 में विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया । 

रुद्रेश्वर मंदिर ( रामप्पा मंदिर) भारत का 39 वां विश्व धरोहर स्थल : -

तेलंगाना राज्य में वारंगल के पास मुलुगू जिले के पालमपेट में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर को 25 जुलाई 2021 को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में भारत के 39 वें विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया ।

दांडी मार्च की 91 वीं वर्षगांठ 12 मार्च 2021 को मनाई गई ।


गेस्ट हाउस स्कीम :-

राज्य सरकार ने नई पर्यटन नीति 2020 में पर्यटन क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने हेतु इस स्कीम को अनुमति दी है ।

जयपुर भारत की 38 वें स्थल के तौर पर यूनेस्को विश्व विरासत सूची में शामिल :-

बाकू ,अज़रबैजान मे आयोजित यूनेस्को विश्व हेरिटेज समिति के तीसरे सत्र के दौरान 6 जुलाई 2019 को भारत के गुलाबी शहर के नाम से लोकप्रिय जयपुर परकोटा शहर को यूनेस्को की विश्व सूची में शामिल कर लिया गया है ।
विश्व विरासत सूची में शामिल होने वाली है जयपुर की तीसरी विरासत है ।
इससे पूर्व जयपुर के जंतर मंतर व आमेर किले को विश्व विरासत सूची में शामिल किया जा चुका है ।

कालीबाई पैनोरमा का लोकार्पण : -

डूंगरपुर में 17 जुलाई 2018 को मुख्यमंत्री ने कालीबाई पैनोरमा का लोकार्पण एवं काली बाई की प्रतिमा का अनावरण किया ।

शौर्य उद्यान झुंझुनू : -

झुंझुनू के दोरासर में देश का पहला शौर्य उद्यान तैयार किया गया है ।

लैंडस्केप पार्क का उद्घाटन :-

द्रव्यवती नदी के किनारे मानसरोवर में बने लैंडस्केप पार्क व द्रव्यवती नदी रिवर फ्रंट के 16 किलोमीटर भाग का उद्घाटन 2 अक्टूबर 2018 को किया गया ।

हवा महल में लगाया सवाई प्रताप सिंह का स्टेच्यू : -

हवा महल मे 1 अगस्त 2018 को हवा महल के निर्माणकर्ता महाराजा सवाई प्रताप सिंह का पुतला लगाया गया है l
हवा महल में बनी प्रताप मंदिर कक्ष में इसे स्थापित किया गया है ।

जयपुर में बनेगा देश का पहला वंशावली म्यूजियम :-

देश का पहला वंशावली म्यूजियम गुलाबी नगरी जयपुर में बनेगा ।
इसमें पुरखों के गौरव का दुर्लभ संग्रह होगा,जहां लोग अपनी वंशावली को जान सकेंगे ।

सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर टूरिज्म ट्रेनिंग ( CETT )

उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय परिसर में सिंगापुर के सहयोग से "सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर टूरिज्म ट्रेनिंग " के नवनिर्मित भवन का नवंबर 2016 को लोकार्पण किया गया ।

बप्पा रावल पैनोरमा का उद्घाटन :-

मेवाड़ के संस्थापक बप्पा रावल के मठाठा ( उदयपुर ) बन्नी बप्पा रावल के पैनोरमा का मुख्यमंत्री ने 10 अगस्त 2018 को उद्घाटन किया ।

चित्तौड़गढ़ जिले में दो और पैनोरमा : -

मुख्यमंत्री ने 18 अप्रैल 2018 को मातृकुंडिया में भगवान परशुराम पैनोरमा और चित्तौड़गढ़ में प्रस्तावित गोरा बादल पैनोरमा का शिलान्यास किया ।

बर्ड पार्क ,जयपुर :- 

जेडीए की ओर द्रव्यवती नदी परियोजना के अंतर्गत पानीपेच, शास्त्री नगर स्थित बस्ती सीतारामपुरा में विकसित किया गया बर्ड पार्क 4 नवंबर 2018 से खोला गया ।

नाहरगढ़ लायन सफारी : -

दिल्ली रोड पर नाहरगढ़ लायन सफारी का उद्घाटन 13 सितंबर 2018 को किया गया ।

पुष्कर में देश का पहला स्कूल ऑफ वास्तु स्थापित करना भी प्रस्तावित है ।

यूनेस्को द्वारा राजस्थान के जयपुर जिले को क्राफ्ट एवं लोक कला संस्कृति के लिए क्रिएटिव सिटी घोषित किया गया ।

स्वदेश दर्शन योजना : -

इसमें राजस्थान में निम्न प्रोजेक्ट स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किए गए है --

1 .वाइल्डलाइफ सर्किट :-

अलवर ,जयपुर , प्रतापगढ़ , सिरोही ,जयसमंद, धौलपुर व करौली

2 .ट्राईबल सर्किट : -

बांसवाड़ा ,डूंगरपुर ,उदयपुर , प्रतापगढ़ व सिरोही

3 .डेजर्ट सर्किल : -

जैसलमेर ,जोधपुर , बीकानेर , बाड़मेर

4 .इको -एडवेंचर सर्किट :-

अलवर ,चित्तौड़गढ़ ,धौलपुर ,जयपुर ,जैसलमेर ,राजसमंद , जोधपुर , कोटा , सिरोही व उदयपुर

पर्यटन लोगो बदला :-

राजस्थान पर्यटन विभाग का लोगो "ना जाने क्या दिख जाए " के स्थान पर 19 जनवरी 2019 से पुनः "पधारो म्हारे देश " कर दिया गया है ।

स्कल्पचर पार्क की स्थापना : -

18 वी शताब्दी में बने हुए नाहरगढ़ दुर्ग के माधवेंद्र भवन में स्कल्पचर पार्क की स्थापना की गई ।
उद्घाटन 10 दिसंबर 2017 को किया गया ।

विरासत संग्रहालय :-

जयपुर के किशनपोल बाजार स्थित राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के भवन में 9 दिसंबर 2017 को विरासत संग्रहालय की स्थापना की गई है ।

"हुनर से रोजगार तक " कार्यक्रम : -

पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2009 में कुछ अतिथि व्यवसाय में अल्प अवधि के प्रशिक्षण कोर्सों के माध्यम से रोजगार परक कौशल प्रदान करने हेतु हुनर से रोजगार तक नामक कार्यक्रम की शुरुआत की ।

वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना :-

उद्देश्य -  

2013 से प्रारंभ इस योजना का उद्देश्य राजस्थान के मूल निवासी वरिष्ठ नागरिकों ( 60वर्ष या अधिक ) को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर देश में स्थित बिन नाम नी दृष्ट तीर्थ स्थानों में से किसी एक स्थान की यात्रा सुलभ कराने हेतु राज की सुविधा एवं सहायता प्रदान करना है ।
इसमें 2016 से हवाई यात्रा शामिल की गई ।

विशेषताएं :-

 > 60 वर्षीय अधिक आयु के व्यक्ति रेल यात्रा हेतु एवं 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति हवाई जहाज के यात्रा के पात्र होंगे ।
आयकर दाता न हो ।

 > केंद्र सरकार /राज्य सरकार /केंद्र व राज्य सरकार के उपक्रम /स्थानीय निकाय से सेवानिवृत्त कर्मचारी /अधिकारी एवं उनके जीवन साथी यात्रा के पात्र होंगे ।

> यह योजना देवस्थान विभाग द्वारा संचालित की जा रही है ।
 इस योजना में रामेश्वरम ,जगन्नाथ पुरी ,वैष्णो देवी ,तिरुपति बालाजी ,व द्वारका पुरी की यात्रा रेल द्वारा तथा लखनऊ -अयोध्या , कोच्चि ,अमृतसर ,सम्मेद शिखर ,बिहार शरीफ ,श्रवणबेलगोला ,गोवा ,कामख्या , उज्जैन ,हरिद्वार ,अमृतसर ,प्रयाग ,वैष्णो देवी व शिरडी ऑडी तीर्थ स्थलों की यात्रा हवाई जहाज द्वारा कराई जाती है ।


सिंधु दर्शन यात्रा योजना :-

इस योजना कब प्रारंभ देवस्थान विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2016 से किया गया ।

उद्देश्य - भारत के लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन तीर्थ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री की सहायता करना ।

अनुदान राशि - यात्रा पर वे वे के 50% की प्रतिपूर्ति अधिकतम 10,000/- प्रति तीर्थयात्री तक ।

कैलाश मानसरोवर यात्रा योजना :-

यह योजना देवस्थान विभाग द्वारा 1 अप्रैल 2011 से संचालित की जा रही है ।

उद्देश्य व विवरण

इसमें विदेश मंत्रालय भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न करने वाले राजस्थान के स्थाई मूलनिवासी श्रद्धालुओं को जीवन काल में केवल एक बार ₹100000 प्रति यात्री की सहायता दी जाती है ।

स्वतंत्रता सेनानी दीर्घा : -

राजस्थान राज्य अभिलेखागार बीकानेर में "220 स्वतंत्रता सेनानियों की सचित्र दीर्घा " का निर्माण किया गया है I

अलंकार म्यूजियम :-

कला ,साहित्य ,संस्कृति व पुरातत्व विभाग के अलंकार म्यूजियम का उद्घाटन 20 जनवरी 2017 को किया गया ।

कोटा में हैंगिंग ब्रिज : -

कोटा में चंबल नदी पर बने राज्य के पहले हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन श्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर में आयोजित समारोह में 19 अगस्त 2017 को किया ।
एयरप्लेन ब्रिज 60 मीटर की ऊंचाई पर है ।
यह हैंगिंग ब्रिज गुजरात के पोरबंदर से लेकर अच्छा उनके सिलचर तक का 7 राज्यों को जोड़ने वाला ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का भाग है ।

राणा पूंजा :-

आदिवासी समुदाय के ब्लू राणा पूजा की 13 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण 5 जून 2017 को उदयपुर में किया गया ।
राणा पूंजा नहीं हल्दीघाटी के युद्ध में चंदावल दस्ते में रहते हुए मुगलों से लोहा लिया था l

मानगढ़ धाम :-

बांसवाड़ा जिले की आनंदपुरी पंचायत समिति की आमलिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आंबादरा मे 1000 फिट ऊंची पहाड़ी है जो मानगढ़ धाम के रूप में जानी जाती है । 'राजस्थान का जलियांवाला बाग 'नाम से ख्यात मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा ) मे शहीद स्मारक बनाया गया है । यहाँ गुरु स्मृति वन व गोविंद गुरु राष्ट्रीय जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की गई है |
मानगढ़ बांसवाड़ा जिले में गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है ।वहां 17 नवंबर 1913 को गोविंद गुरु का जन्मदिन मनाने जुड़े आदिवासियों पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाई थी । इसमें करीब 15 सौ लोग शहीद हुए तब से मानगढ़ धाम पर हर वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा को मेला लगता है । इस स्थल पर प्रत्येक माह में दो बार पूर्णिमा एवं बीज पर हजारों श्रद्धालु या एकत्रित होते हैं ।

सिलिकॉन वैक्स म्यूजियम : -

नाहरगढ़ दुर्ग में स्थापित सिलिकॉन वैक्स म्यूजियम का उद्घाटन 17 दिसंबर 2016 को हुआ ।

चेतक अश्वमेला :-

हल्दीघाटी राजसमंद में चेतक मेला महाराणा प्रताप के मशहूर घोड़े चेतक की याद में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर 19 जनवरी को आयोजित किया जाता है ।

जनपथ (जयपुर) स्थित अमर जवान ज्योति पर "वॉक थ्रू वॉर म्यूजियम " का लोकार्पण 1 सितंबर 2016 को किया गया ।

प्रताप गौरव केंद्र :-

उदयपुर में प्रताप गौरव केंद्र का शुभारंभ 28 नवंबर 2016 को किया गया ।

सुगाली माता का मंदिर :-

सुगाली माता के मंदिर का निर्माण आउवा ( पाली ) मे किया जाता है।

>पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृति में स्मारक धानक्या गांव (जयपुर ) मे  बनाया जा रहा है ।

>जयपुर और वाराणसी शहरों को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में सदस्य के रूप में शामिल किया गया ।

>देश का तीसरा व राज्य का पहला राजीव गांधी टूरिज्म कन्वेशन सेंटर जोधपुर में बनेगा ।

इको टूरिज्म सेंटर :-

गुडा विश्नोइयां (जोधपुर ) व सुंधा माता ( जालौर ) में इको टूरिज्म सेंटर स्थापित किए जाएंगे ।

पुष्कर रोपवे का शुभारंभ :-

तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 3 मई 2016 को पुष्कर में राज्य के तीसरे रोपवे का शुभारंभ किया तथा पुष्कर को टेंपल टाउन बनाने की घोषणा की ।

राज्य के अन्य रोपवे :-

राजस्थान का पहला रोपवे भीनमाल (जालौर) में सुण्डा पर्वत पर 20 दिसंबर 2006 से संचालित है ।
उदयपुर में भी करणी माता मंदिर पर 8 जून 2008 से राज्य का दूसरा रुप से संचालित है ।
उदयपुर में यह रोपवे पंडित दीनदयाल पार्क से माछला मगरा स्थित करणी माता तक है ।

राजस्थान का कालबेलिया नृत्य यूनेस्को की विरासत सूची में : -

यूनेस्को ने राजस्थान के कालबेलिया नृत्य को 2010 में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया ।

इंस्टीट्यूट ऑफ हेरीटेज कंजर्वेशन : -

जयपुर में इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज कंजर्वेशन खोला गया ।

कालबेलिया स्कूल ऑफ डांस :-

जयपुर के हाथी गांव के पास कालबेलिया स्कूल ऑफ डांस स्थापित किया गया है ।

नए पर्यटन संभाग :-

राज्य सरकार ने हाडोती वह मारवाड़ क्षेत्र के विकास के लिए कोटा व अजमेर दो नए पर्यटन संभाग बनाए हैं ।
इन दोनों के साथ प्रदेश में अब 4 पर्यटन संभाग जोधपुर ,उदयपुर ,कोटा व अजमेर हो गए हैं ।

पेइंग गेस्ट योजना :-

प्रेरकों को राजस्थान की संस्कृति की जीवन शैली ,खानपान व आतिथ्य परंपरा से परिचित कराने , सांस्कृतिक आदान-प्रदान व अंतरराष्ट्रीय सद्भाव को बढ़ाने तथा पर्यटक की आवास समस्या के समाधान तथा उन्हें घर से दूर घर की अनुभूति कराने हेतु 27 सितंबर 1991 को यह योजना शुरू की गई इस योजना में यहां के निवासी अपने निजी घरों में पेइंग गेस्ट योजना के तहत पर्यटकों को ठहराते हैं ।

हेरीटेज होटल :- 

राज्य के प्राचीन किलो हवेलियों में संरक्षित समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से पर्यटकों को परिचित कराने , उनका संरक्षण करने तथा प्रेरकों को आवास सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हेरीटेज होटल योजना शुरू की गई । इसमें 1950 से पूर्व के किले गढ़ हवेलियां आदि को हेरीटेज होटल में परिवर्तित किया जा सकता है ।
राजस्थान का प्रथम हेरिटेज होटल अजीत भवन , जोधपुर है ।

सही रेलगाड़ी : -

• पैलेस ऑन व्हील्स : - भारतीय रेलवे व राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड तत्वावधान में वातानुकूलित पर्यटक ट्रेल पैलेस ऑन व्हील्स के संचालक वर्ष 1982 से किया जा रहा है ।राज्य के राजसी ठाठ बाट सहित विशेष सुविधाओं से युक्त इस शाही रेलगाड़ी को सितंबर 2000 से बड़ी लाइन पर प्रारंभ किया गया है ।

• रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स : - पैलेस ऑन  व्हील्स के बाद भारतीय रेलवे व आरटीडीसी ने संयुक्त रूप से रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स नामक एक नई पर्यटक ट्रेन का शुभारंभ 11 जनवरी 2009 से किया ।
दिसंबर 2017 से इसका नाम बदलकर हेरीटेज पैलेस ऑन व्हील्स

पर्यटक सहायता बल ( TAF ) :-

राज्य में पर्यटकों की सुरक्षा व सहयोग एवं सहायता हेतु पर्यटन पुलिस योजना 1 अगस्त 2000 से जयपुर में प्रारंभ की गई ।
राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां पर्यटन पुलिस तैनात की गई है वर्तमान में 11 स्थानों -जयपुर,जोधपुर ,जैसलमेर , अजमेर -पुष्कर ,सवाई माधोपुर,माउंट आबू,बीकानेर ,भरतपुर,चित्तौड़गढ़,बूंदी व झालावाड़ पर पर्यटकों की सुरक्षा व सहायता हेतु पर्यटन पुलिस तैनात की गई है ।

हाथी गांव की स्थापना :-

आमेर (जयपुर ) के निकट कुंडा ग्राम में नेशनल हाईवे 8 (वर्तमान में नेशनल हाईवे 44 ) पर हाथियों को प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराने व पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु हाथी गांव 19 जून 2010 को बसाया गया ।
एशिया में इस प्रकार के दो अन्य गांव श्रीलंका थाईलैंड में है ।

नए पुरातत्व सर्किट :-

राज्य सरकार ने अजमेर में भरतपुर को भी पुरातात्विक सर्किट बना दिया है ।इन्हें मिलाकर राज्य में अब ऐसे साथ सर्किट हो गए हैं -
1 .अजमेर सर्किट 2 .जयपुर सर्किट 3 .जोधपुर सर्किट 4 .बीकानेर सर्किट 5 .कोटा सर्किट 6 .उदयपुर सर्किट 7 .भरतपुर सर्किट

पर्यटन सर्किट :-

पर्यटन विकास हेतु राजस्थान में निम्न 10 पर्यटन क्षेत्र में बांटा गया है -
1 . ढूँढाड़ सर्किट : जयपुर - आमेर -समोद -रामगढ़ -दोसा -आभानेरी
2 .अलवर सर्किट : अलवर -सिलीसेढ़ -सरिस्का
3 .भरतपुर सर्किट : भरतपुर -डीग -धौलपुर
4 .मेरवाड़ा सर्किट : अजमेर -पुष्कर -मेड़ता -नागौर
5 .शेखावाटी सर्किट : सीकर -झुंझुनू -चूरू
6 .मरू त्रिकोण : बीकानेर -जैसलमेर -बाड़मेर -जोधपुर
7 .मेवाड़ सर्किट : उदयपुर -कुंभलगढ़ -नाथद्वारा -चित्तौड़गढ़ -जयसमंद -डूंगरपुर
8 .रणथंबोर सर्किट :रणथंबोर -सवाई माधोपुर -टोंक
9 .माउंट आबू सर्किट :माउंट आबू -रणकपुर -जालौर
10 .हाडोती सर्किट : कोटा -बूंदी -झालावाड़

पर्यटन विकास हेतु नए सर्किट :-

1 . प्रथम सर्किट राज्य राजधानी क्षेत्र का है जिसमें अलवर ,विराट ,भरतपुर व धौलपुर को शामिल किया गया है जो दिल्ली - जयपुर -आगरा के स्वर्ण त्रिभुज के साथ होगा ।
2 .दूसरा सर्किट जिसमें अजमेर ,पुष्कर ,नाथद्वारा और महावीर जी को शामिल किया गया है ।

राज्य में जन जातीय और धार्मिक क्षेत्र की तरफ पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मेवाड़ -वागड़ धार्मिक सर्किट का विकास किया जाएगा ।

बुद्धा सर्किट :-

राज्य सरकार चीन ,जापान ,श्रीलंका सहित दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए राज्य में एक नया पर्यटन सर्किट बुद्धा सर्किट विकसित करने जा रही है ।
इस सर्किट के तहत जयपुर और झालावाड़ जिले में तीसरी सदी ईसा पूर्व से आठवीं सदी के मध्य बने ऐतिहासिक बौद्ध स्थलों को संवारने का काम किया जाएगा I

मरू त्रिकोण : -

राज्य के पश्चिमी मरुस्थलीय जिला जैसलमेर ,जोधपुर ,बाड़मेर एवं बीकानेर के पर्यटन स्थलों के विकास हेतु इन्हें मरू त्रिकोण के रूप में जापान की संस्था जेबीआईसी की वित्तीय सहायता से विकसित किया जा रहा है ।
मरू त्रिकोण में सर्वप्रथम जोधपुर ,जैसलमेर एवं बीकानेर को शामिल किया गया था ।इसके बाद बाड़मेर को शामिल किया गया ।

स्वर्णिम त्रिकोण :-

दिल्ली - आगरा - जयपुर का पर्यटन त्रिकोण ।

ब्रह्मा मंदिर (पुष्कर ) : -

केंद्र सरकार के भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने जगतपिता ब्रह्मा मंदिर को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया है ।इससे पूर्व पुष्कर सरोवर व उसके घाटों को भी राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया जा चुका है । 

अपना धाम - अपना काम - अपना नाम योजना : -

आध्यात्मिक पर्यटन के विकास हेतु मंदिरों के विकास में जन सहभागिता को बढ़ावा देने हेतु देवस्थान विभाग द्वारा अपना नाम अपना काम अपना नाम योजना प्रारंभ की गई है ।

अडॉप्ट ए मॉन्यूमेंट योजना :-

इस योजना के तहत राज्य के संरक्षित स्मारकों में संरक्षण / जीर्णोद्धार एवं पर्यटन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निजी संस्थाओं का सहयोग लेने का निर्णय लिया गया है ।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा : -

मोहम्मद यूनुस समिति की सिफारिशों पर पर्यटन को वर्ष 1989 में उद्योग का दर्जा प्रदान करने वाला राजस्थान देश का प्रथम राज्य बना वर्ष 2004 - 05 में पर्यटन को जन उद्योग का दर्जा दिया गया है तथा " A Liberal Tourist Friendly Excise policy " की घोषणा की गई । 

पर्यटन नीति :-

राज्य की पहली पर्यटन नीति घोषणा 27 सितंबर 2001 को की गई ।

राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2015 : -

तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने 3 जून 2015 को नई राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2015 जारी की गई ।

विश्व पर्यटन दिवस :   -27 सितंबर 2018


राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड : -

राजस्थान राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों को आवास पूजन यातायात आदि सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 1979 को स्थापना की गई ।

राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड :-

यह राज्य में पर्यटकों को आवास व भोजन सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु होटल की स्थापना व रखरखाव करने के उद्देश्य से जयपुर में 7 जून 1965 को स्थापित राज्य सरकार का उपक्रम है ।

राजस्थान इंस्टीट्यूट आफ टूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट : -

इसकी स्थापना राज्य में पर्यटन से संबंधित गतिविधियों हेतु मानव संसाधनों का विकास करने व पर्यटन से संबंधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने हेतु जयपुर में 29 अक्टूबर 1996 को की गई ।

पर्यटन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास हेतु संचालित प्रशिक्षण संस्थान :-

> राज्य होटल प्रबंध संस्थान , जोधपुर
> राज्य होटल प्रबंधन संस्थान ,जयपुर
> राज्य होटल प्रबंध संस्थान ,उदयपुर
> फूड क्राफ्ट संस्थान ,अजमेर
> फूड क्राफ्ट संस्थान सुमेरपुर का शिलान्यास 9 सितंबर 2013 को हुआ l यह स्थापित किया जा चुका है ।
> फूड क्राफ्ट संस्थान धौलपुर

जोधपुर आतिथ्य प्रबंधन संस्थान का उद्घाटन :-

इसका उद्घाटन 30 जून 2018 को किया ।

देश में 2002 में राष्ट्रीय पर्यटन नीति बनाई गई ।


कृष्णा सर्किट महात्मा गांधी थीम पर पर्यटक सर्किट विकास को मंजूरी :-

पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत हरियाणा राजस्थान और गुजरात राज्य में कृष्णा और विरासत सर्किट के विकास हेतु परियोजना को मंजूरी दी है ।
       कृष्णा सर्किट के तहत राजस्थान राज्य में श्रीनाथजी (नाथद्वारा ) ,गोविंद देव जी ( जयपुर ) ,कनक वृंदावन ( जयपुर ) ,स्वर्ण मंदिर (जयपुर) ,गलताजी मंदिर परिसर (जयपुर) और खाटू श्याम जी ( सीकर ) को शामिल किया गया । 
कुरुक्षेत्र और उसके आसपास स्थित इन स्थलों को हरियाणा राज्य के कृष्ण सर्किट में शामिल किया गया है ।

गांधी थीम पर गुजरात की विरासत सर्किट में अहमदाबाद ,राजकोट ,बारदोली डांडी आदि को शामिल किया गया है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजस्थान के लोक देवता

राजस्थान मे सड़क परिवहन

राजस्थान की लोक देवियां